नहीं भूला कुछ भी..  आज भी याद है  आपके हाथ की उँगलियों का स्पर्श .. स्नेहिल थपकियाँ... मुझे अब भी याद हैं।

Kedarnath ji Maheshwari Chandak

Kedarnath ji Maheshwari Chandak

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स्मृतिशेष केदारनाथ जी माहेश्वरी (चांडक)
जन्म   :  15 जुलाई, 1928    प्रयाण :   5 दिसम्बर, 2020

बेटे बहु संजय माहेश्वरी-रजनी माहेश्वरी अपने पिता को Father's Day  पर आज 

गर्व, स्नेह और श्रद्धा भरी भावनाओं को शब्दों में पिरो कर प्रकट कर रहे हैं। 

स्मृतिशेष पूज्य पापाजी !

आप नहीं हैं ,लेकिन आपकी स्मृतियां स्थाई हैं…
 

इस शब्दचित्र की तरह..

भानु-शशि को निशिदिन ढलते देखा,
तारों को आरोह-अवरोह करते देखा,
पर पापाजी आपके कदमों को न थमते देखा।

निरक्षरों को अक्षर ज्ञान कराते देखा,
वंचितों को साधन उपलब्ध कराते देखा, 
पीर पराई पर मरहम मलते देखा,
दीन-दुखियों की सेवा करते देखा
पर पापाजी आपके कदमों को न थमते देखा ।

गैरों को अपना कर गले लगाते देखा,
रिश्तों को प्यार से मजबूत बनाते देखा,
92 वर्ष की वय में ऊर्जा से भरते देखा,
हर व्यक्ति को प्रोत्साहित करते देखा,
पर पापाजी आपके कदमों को न थमते देखा।

सुख के सागर में अधीर न होते देखा,
दुःख की पगडण्डी पर संभलते देखा,
विषम स्थितियों में दृढ़ पर्वत सा देखा,
शूल पथों पर निडर भाव से चलते देखा,
पर पापाजी आपके कदमों को न थमते देखा।

पितृ दिवस पर आपकी पुण्य स्मृतियों को नमन 🙏🙏

ॐ शांति !