हमारे ही बीच रहने वाली डॉ. गुरमीत शर्मा के सामाजिक योगदान और जीवन मूल्यों की सराहना करते हुए हाल ही में Legendary Peace Award Council द्वारा उन्हें Honorary Doctorate Award से सम्मानित किया गया। लेकिन उनके लिए यह सम्मान मंज़िल नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी का प्रतीक है।
“संघर्ष नहीं, संकल्पों से बना जीवन” – डॉ. गुरमीत का यह दृष्टिकोण उन्हें भीड़ से अलग करता है।
उनका मानना है कि सफलता अचानक नहीं मिलती। वह एक निरंतर साधना है जिसमें धैर्य, आत्मविश्वास और समर्पण जरूरी है। चाहे नौकरी हो या सामाजिक सेवा, उन्होंने हमेशा सीखते रहने का और हर जिम्मेदारी को दिल से निभाने का प्रयास किया।
उनका सामाजिक दृष्टिकोण भी बेहद व्यापक और जागरूक है। शिक्षा को समाज परिवर्तन का सबसे प्रभावशाली माध्यम मानते हुए वे समय-समय पर गांवों में जाकर बच्चों और अभिभावकों को शिक्षा के महत्व से अवगत कराती हैं। उनका मानना है कि समाज को केवल आर्थिक दान से नहीं, समय, ऊर्जा और ध्यान के दान से भी बदला जा सकता है।
“जब तक हम खुद शिक्षित और जागरूक नहीं होंगे, तब तक समाज में ठोस बदलाव संभव नहीं।”
गुरमीत जी की एक और खूबी है उनकी प्रकृति और स्वच्छता के प्रति गहरी प्रतिबद्धता। उन्होंने कई वृक्षारोपण अभियानों में भाग लिया है और स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने का भी कार्य किया है। उनके अनुसार, “साफ़ सोच और साफ़ वातावरण – दोनों मिलकर एक सुंदर समाज की नींव रखते हैं।”