जब हम प्रमोद जी की जानकारी जुटा रहे थे, उनकी रंगमंच पर जन्मी प्रेम कहानी का खुशनुमा अध्याय सामने आ गया, तो Personalities Unboxed की टीम ने उसी विषय से बात शुरू की।
प्रमोद जी ने हँसते हुए बताया "ये प्रेम कहानी आधा सच और आधा कल्पना है। सच यह कि हमारी जान पहचान रंगमंच पर हुई। चूँकि समाज छोटा है और उसमे भी रंगमंच से जुड़े परिवार और भी कम तो जब परफॉरमेंस के दौरान दोनों के परिवार वालों ने भी हमे देखा तो वो भी प्रसन्न हुए क्योंकि माहेश्वरी होने के साथ ही हमारे विचार और रुचियाँ मिलती थी, जो किसी भी अच्छी वैवाहिक जिंदगी के लिए एक अच्छा कॉम्बिनेशन है।
हमारी कुंडली में ही नहीं बल्कि हमारे वास्तविक गुण भी मिल रहे थे। परिवार वालों ने तय करके हमारी विधिवत शादी की, पर दोस्तों की कल्पना ने इसे प्रेम कहानी का नाम दे दिया। वैसे तो बहुत साल हो गए इस बात को, पर अभी भी जब भी बात उठती है, तो हम सभी मित्र परिवार इस बात का हंस कर आनंद लेते हैं।"
जीवन एक रंगमंच है, ये तो सभी ने सुना होगा, पर मुझे तो रंगमंच ने जीवन दे दिया - ज्योति के रूप में और ईश्वर की सबसे बड़ी कृपा देखिए कि आज भी हमारी रुचियाँ मिलती हैं और हम दोनों समाज सेवा को समर्पित हैं।"
इसी बात के साथ प्रमोद जी ने समाज में विवाह योग्य युवक युवतियों का विवाह न हो पाना या होने पर चल नहीं पाने जैसे एक गंभीर मुद्दे पर अपनी तरफ से सुझाव दिया कि "मोबाइल युग में जिस तरह से युवाओं का आपस में मिलना कम होता जा रहा है, आने वाले समय में समाज के नवयुवक और नवयुवतियों के लिए , हमे नयी पीढ़ी की पसंद के अनुसार माहेश्वरी संस्कृति और संस्कार को ध्यान में रखते हुए विभिन्न गतिविधियां आयोजित करनी चाहिए, जिससे सामान रूचि वाले बच्चों को आपस में मिलने का अवसर मिले। आवश्यक नहीं है, पर कुछ अच्छे माहेश्वरी जोड़े बनने की सम्भावना हो सकती है। "