जब भी कोई मुस्कुराता हुआ चेहरा, ऊर्जावान व्यक्तित्व और बहुआयामी ज्ञान की बात करता है
– तो एक नाम खुद-ब-खुद उभर कर आता है: देवेन्द्र सारडा ।
श्याम बाबा के अनन्य प्रेमी देवेन्द्र का ये मानना है कि दुनिया आपको हमेशा कम ही आंकेगी, पर विश्वास रखिये आप स्वयं चाहे किसी भी सामाजिक, शारीरिक या आर्थिक स्थिति में हों, आपके पास ईश्वर कुछ ऐसी अनूठी शक्तियां देता है, जो किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन को बेहतर बना सकता है और उसके जीवन में खुशियां ला सकता है। इसके लिए बहुत जरुरी है कि आप अपनी विवशताओं की जगह अपने सामर्थ्य और क्षमताओं पर ध्यान दें, और ईश्वर की दी हुई जिंदगी से अपने और दूसरे के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाएं !
51 वर्ष की आयु में ISB से सर्टिफिकेशन, उम्र सीखने में बाधा नहीं
कोटा (राजस्थान) में जन्मे और पले-बढ़े देवेंद्र सारडा की शुरुआती शिक्षा बाल मंदिर स्कूल, बाल माध्यमिक विद्यालय और कोटा ऑटोनॉमस कॉलेज से हुई।
बचपन से ही जब दोस्त खेल और सामान्य शौक में व्यस्त थे, वे कुछ नया बनाने में लगे रहते थे। 1989 में मात्र 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने एक स ब्लैक एंड व्हाइट टीवी रिमोट कंट्रोल बनाया — वह भी एक लंच बॉक्स में। इस नवाचार के लिए उन्हें कोटा जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया और मीडिया ने भी उन्हें सराहा। जबकि वह इसे बहुत साधारण सा प्रोजेक्ट मानते थे।
चाचा विंग कमांडर गोविंदराम सारडा और चाची श्रीमती नीता सारडा ने इंजीनियरिंग के लिए प्रेरित किया एवं में प्रवेश के लिए सहायता की।
उनकी तकनीकी यात्रा ने रफ्तार पकड़ी जब उन्होंने VNIT नागपुर से 1994 में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की – भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक। और हाल ही में उन्होंने भारत के शीर्ष संस्थानों में से एक ISB से Digital Transformation में सर्टिफिकेशन लेकर यह सिद्ध किया कि सीखने
की प्रक्रिया कभी खत्म नहीं होती।
अलग सोच और फ्यूचरिस्टिक विज़न रखने वाले देवेन्द्र सारडा अभी भी कई रिसर्च एवं इनोवेटिव आइडियाज के लिए फ्रेश इंटर्न्स की टीम बना रहे हैं ।